Navratri Kanya Pujan 2023: आज अष्टमी के दिन जानें महागौरी की पूजा विधि, भोग, मंत्र कैसे करेंगे कन्या पूजन जिससे माता होंगी प्रसन्न
Navratri Kanya Pujan 2023 know Mahaashtami puja vidhi and shubh muhurat
Navratri Kanya Pujan 2023: चैत्र नवरात्रि अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके हैं और आज मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के आठवें दिन की पूजा का विशेष महत्व है, इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। माता के कुछ भक्त जो पूरे 9 दिन व्रत नहीं रख पाते, वे प्रतिपदा और अष्टमी तिथि को व्रत रखते हैं। देवीभगवत् पुराण में बताया गया है कि आठवें दिन की पूजा मां दुर्गा के मूल भाव को दर्शाता है और महादेव के साथ उनकी अर्धांगिनी के रूप में महागौरी ही सदैव विराजमान रहती हैं, इसलिए माता का एक नाम शिवा भी है। महागौरी की पूजा करने से सोमचक्र जागृत हो जाता है और इनकी कृपा मात्र से हर असंभव कार्य पूरा हो जाता है। आइए जानते हैं मां महागौरी का स्वरूप, भोग, आरती और मंत्र...
अष्टमी के दिन इस विधि से करें मां महागौरी की पूजा
अष्टमी तिथि के दिन प्रात काल स्नान-ध्यान के पश्चात कलश पूजन कर लें। इसके बाद माता रानी को सफेद पुष्प अर्पित करें। अब मां की वंदना मंत्र का उच्चारण करें। आज के दिन मां को हलुआ, पूरी, सब्जी, काले चने और नारियल का भोग लगाएं। माता रानी को चुनरी अर्पित करें और मां को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
कुंवारी कन्याओं के पूजन से माता होती है प्रसन्न
पुजारी राकेश पांडेय ने बताया कि नवरात्रों में कुंवारी कन्याओं के पूजन पूरे विधि विधान से करने से विशेष योग की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याओं को यथाशक्ति जो भी बने उनको भोजन जरूर कराएं। जिसमें पूरी, हलवा, खीर और अन्य प्रकार की मिठाई आदि का भोग लगाकर उनसे खाने के लिए आग्रह करें। भोजन के बाद कुंवारी कन्याओं को दक्षिणा के रूप में फल और पैसे आदि दें और फिर उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। इस विधि से कुंवारी कन्याओं की पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों को उनकी पूजा का वास्तविक फल प्राप्त होता है। कन्या पूजन करने वाले भक्तों के जीवन से परेशानियां दूर होती है व खुशियों का आगमन होता है। उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
मां महागौरी को चढ़ाएं ये भोग
देवीभागवत पुराण के अनुसार, अष्टमी तिथि को माता रानी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। नारियल का भोग लगाने से मां महागौरी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। भोग लगाने के बाद इस नारियल को या तो किसी ब्राह्मण को दान में दे दें या फिर प्रसाद के रूप में लोगों को इसे बांट दें।
मां महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त
आज महाअष्टमी के दिन माता रानी के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। आज के दिन ही मां ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था। महाष्टमी पर मां भगवती की पूजा से सारे कष्ट दूर होते हैं। अष्टमी तिथि 28 मार्च 2023 की शाम 7:02 से शुरू हो चुकी है। इसका समापन 29 मार्च की रात 9:07 पर होगा। महाअष्टमी का अमृत मुहूर्त सुबह 09 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
इस मंत्र से प्रसन्न होती हैं मां महागौरी
1. श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
2. या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।